चेरी टमाटर की खेती :
चेरी टमाटर (Tomato cherry) सामान्य टमाटर से ज्यादा
कीमत पर बिकने वाला टमाटर है. देश में इसकी मांग काफी अधिक है. इसलिए देश के किसान
चेरी टमाटर की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते है. इसलिए गाँव किसान आज अपने इस लेख
में चेरी टमाटर की खेती (Cherry Tomato farming
in Hindi) पूरी जानकारी किसान भाइयों को अपनी भाषा हिंदी में देगा.
जिससे किसान इसकी खेती अच्छी प्रकार कर लाभ ले सके. तो आइये जानते है चेरी टमाटर (Tomato cherry) की पूरी जानकारी-
चेरी टमाटर के फायदे
चेरी (Cherry) टमाटर बहुत ही आकर्षक होने
के साथ -साथ स्वाद और सेहत में भी लाभकारी होता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट
शरीर के फ्री रेडिकल्स के साथ मिलकर कैंसर जैसी खरतनाक बीमारी से बचाते है.यह
त्वचा सम्बंधित बीमारियों को दूर करता है. क्योकि इसमें विटामिन सी और लाइकोपीन
भरपूर मात्रा में पाया जाता है.चेरी टमाटर का सेवन डायबिटीज मरीजों के लिए
फायदेमंद होता है. इसमें बायोएक्टिव यौगिक गुण पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं, जो डायबिटीज और हृदय
रोगियों के लिए फायदेमंद साबित होते है.इसके अलावा इसके सेवन से पाचन मजबूत, हड्डियाँ मजबूत, हाई बीपी की समस्या एवं
इम्युनिटी को मजबूत बनाता है.
चेरी टमाटर का क्षेत्र एवं विस्तार
चेरी टमाटर (cherry
tomato) को
मुख्य रूप से मध्य अमेरिका में उगाया जाता था. लेकिन इसकी लोकप्रिय किस्मों को
इजराइयल में विकसिट किया गया था. विश्व में प्रमुख चेरी उत्पादक देशों में स्पेन
मोरक्को और चीन है. लेकिन यूरोप और अमेरिका इसके सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार है. भारत
में चेरी टमाटर (Cherry Tomatoes
Farming In India) को गर्मी के सीजन उगाया जाता है. इसलिए देश के सभी गर्म
क्षेत्रों में इसकी खेती की जा सकती है.
चेरी टमाटर की प्रमुख किस्में
चेरी टमाटर की प्रमुख उन्नत किस्मों में सुपर स्वीट 100 चेरी टमाटर, इतालवी आइस चेरी टमाटर, पीला, नाशपाती चेरी टमाटर, ब्लैक पर्ल चेरी टमाटर, सन गोल्ड चेरी टमाटर, चेरी जयंती चेरी टमाटर, खूनी कसाई चेरी टमाटर, हरी ईर्ष्या चेरी टमाटर, नापा अंगूर टमाटर, हनीबंच चेरी टमाटर, चाडविक चेरी, आइसिस कैंडी चेरी आदि
प्रमुख है.
चेरी टमाटर के लिए जलवायु एवं भूमि
चेरी टमाटर के लिए गर्म जलवायु की जरुरत होती है. इसके
पौधे के अच्छे विकास के लिए 19°C से 30°C के तापमान की आवश्यकता होती
है. साथ ही अच्छी धूप की आवश्यकता होती है. लेकिन गर्म मौसम में कम आर्द्रता लगातार
बारिश के कारण रोग की समस्या बढ़ जाती है.
चेरी टमाटर की अच्छी उपज के
लिए गहरी रेतीली दोमट मिट्टी उप्युक्त होती है. भूमि का पी० एच० मान 6.0 से 7.0 के मध्य होना चाहिए. इसके
अलावा भूमि में अच्छी जल धारण क्षमता, समृद्ध कार्बनिक पदार्थ और
अच्छी जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.
चेरी टमाटर की खेती के लिए खेत तैयारी
चेरी
टमाटर की अच्छी उपज के लिए खेत को अच्छी प्रकार तैयार कर लेना चाहिए. खेत तैयार कर
मेड या बेड अच्छी प्रकार तेयार कर लेना चाहिए. पॉली हाउस में इसकी खेती पूरे साल
में किसी भी समय की जा सकती है
चेरी टमाटर की पौध तैयारी
काफी छोटा होता है. इसलिए
इसे ट्रे या कोको पिट मिडिया का उपयोग कर अंकुरण करना चाहिए. इसमें किसान भाई 104 कप ट्रे का उपयोग कर सकते
है. रोपाई के लिये पौध लगभग 20 से 30 दिन में लगाने के लिए तैयार हो जाती है.
चेरी टमाटर की पौध रोपाई
चेरी टमाटर की पौध (cherry tomato plant) में जब 5 से 6 पत्तियां दिखने लगे, तब वह रोपाई के लिए तैयार
हो जाती है. इसके बाद पौधों को 60 सेमी० की दूरी और पंक्ति से पंक्ति की दूरी डेढ़ से दो मीटर
रखते हुए रोपाई करे. पौध की रोपाई करने के पश्चात सिंचाई जरुर करे.
चेरी टमाटर के लिए खाद एवं उर्वरक
पौध के लिए उर्वरकों का प्रयोग ड्रिप का उपयोग करना बेहतर
रहता है. बेसल उर्वरक खुराक के लिए एक सामान्य दिशानिर्देश 10-टन एफवाईएम, 60 किलोग्राम डीएपी, 45 किलोग्राम MoP (पोटाश का Muriate),
50 किलोग्राम
माध्यमिक पोषक तत्व मिश्रण और 10 किलोग्राम माइक्रोन्यूट्रिएंट मिश्रण प्रति एकड़ क्षेत्र
में होता है. यदि डी० ए० पी० (डायमोनियम फॉस्फेट) की उपरोक्त खुराक लागू की जाती
है, तो
यूरिया की आवश्यकता नहीं है.
क्योंकि नाइट्रोजन की आवश्यकता डी० ए० पी० से ही पूरी
होगी. हालांकि, एक
विशेष क्षेत्र में उर्वरकों की सटीक आवश्यकता की गणना मृदा स्वास्थ्य कार्ड के
अनुसार और इस सामान्य दिशानिर्देश के आधार पर की जानी चाहिए. डी० ए० पी० और एम० ओ०
पी० में से आधे को बेसल खुराक के रूप में और शेष आधे को फसल जीवन चक्र में 15-20
दिनों
के अंतराल पर लगाया जा सकता है. एज़ोस्पिरिलम और फॉस्फोबैक्टीरिया जैसे
बायोफर्टिलाइज़र को लंबी अवधि के लिए पोषक तत्व को बढ़ाने और बनाए रखने के लिए FYM के साथ मिलाया जा सकता है.
चेरी टमाटर की सिंचाई
चेरी टमाटर की अच्छी उपज के लिए आवश्यकतानुसार बार-बार
सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है. खासकर फूल या फल बनाते समय, अगर सिंचाई न की जाय तो यह
गिरने लगते है. जब गर्म अधिक हो तो पानी की अधिक आवश्यकता पड़ती है.
चेरी टमाटर की तुड़ाई
चेरी टमाटर का फल पूर्ण
आकार हो जाय. तो इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिये. इसकी फसल गुच्छों में होती है. इसलिए
इसकी पेकिंग अंगूर की तरह होती है. मंडी भेजने के लिए इसे थोडा कच्चा ही तोड़ना
चाहिए.
चेरी टमाटर
की उपज एवं मूल्यएक एकड़ के पॉली हाउस में लगभग 20 टन चेरी टमाटर का उत्पादन
किया जा सकता है. बाजार में सामान्य टमाटर लगभग अधिकतम 80 रुपये प्रति किलो मूल्य तक
बिक जाता है. वही चेरी टमाटर (cherry tomato price) का अधिकतम 400 रुपये प्रति किलों तक बिक जाता है.